ज़िन्दगी ग़ुज़र गयी ..
हम वो राह पीछे छोड़ आये
पर एक छोटी सी आवाज़ अभी बाकी है।।
एक प्यारी सी गुनगुनाहट
वो पुराना गीत
अभी कुछ बाकी है।।
सुबह सुबह पीपल के पेड़ के नीचे ..
एक मीठी आवाज़
आप ही गुनगुनाती हुई
अभी कुछ बाकी है
ओस की ठंडक को तोडती ही
दिल में उतरती हुई
वो एक एहसास अभी बाकी है
कुछ तुम .. बाकी हो ..
कुछ मैं भी बाकी हूँ।।